WCL श्रमिक संघ मेंबरशिप के मध्यनजर नेताओ के खुल रहे रहस्य




 WCL श्रमिक संघ मेंबरशिप के मध्यनजर नेताओ के खुल रहे रहस्य

◾कौन है वो नेता जो कर्मचारी का पैसा खाकर रइस तो बन गया लेकिन काम भूल गया 

◾कौन है वो नेता जो अस्थायी रूप से तबादला करवा कर स्थायी हो गया ! 

◾कौन हैं वो उपक्षेत्रीय प्रबंधक जो नियमो को दरकिनार कर तबादला आदेश जारी किया 

चंद्रपुर ( राज्य रिपोर्टर न्यूज ) : WCL वेकोली के श्रमिक संघ सदस्यता  22 अगस्त को वर्ष 2024 -2025 के लिए कामगारो की श्रमिक संघ सदस्यता सत्यापन का प्रथम चरण शुरू होने जा रहा हैं। जिसके लिए मान्यता प्राप्त सभी कामगार संघठनो ने अपनी अपनी तैयारी कर ली है। जिसमें एक कामगार संगठन द्वारा कर्मचारियों को प्रलोभन देकर आकर्षित कर रही, तो वही एक संगठन द्वारा कर्मचारियों के हित मे किये गए कार्यो ओर ली गई भूमिका का ब्यौरा देते हुए जुड़ने का आव्हान कर रही। इस कड़ी में एक संगठन तो शांती से अपना प्रचार करने में व्यस्त हैं तो वही एक संगठन द्वारा कर्मचारियों के बीच जाकर आरोप प्रत्यारोप कर रहे है ।

इस वर्ष का मेंबरशिप 2 संगठनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है जो कि वर्चस्व की लड़ाई बतायी जा रही है । साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि 4 कामगार संगठन के वेकोली स्तर के नेता चंद्रपुर क्षेत्र से होने के कारण इस वर्ष संगठनो के मौजूदा क्रमांक में उतार चढ़ाव होने की संभावना है।  मेंबरशिप के लिए करीब सभी संगठनों द्वारा प्रत्येक खदान , कार्यालय इत्यादि कार्य स्थल पर जाकर संबोधित कर रहे। जिसमे अनेक नेताओ के रहस्य उजागर हो रहे हैं ।

ऐसे में प्राप्त जानकारी के अनुसार एक कामगार संगठन के क्षेत्रीय स्तर के नेता ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों से वेकोली के बोर्ड का उल्लंघन करते हुवे पिछले कुछ वर्षों से प्रबंधन के आंखों में धूल झोंक कर नौकरी कर रहे। साथ ही तत्कालीन उपक्षेत्रीय प्रबंधक से सांठगाठ कर बगैर सक्षम अधिकारी के अनुमोदन से अपना तबादला अस्थायी रूप से करवा कर स्थायी होने की जानकारी है ।

तो वही एक संगठन के नेता द्वारा मेंबरशिप के पूर्व तबादला करवा देने का आश्वासन देकर गरीब कर्मचारी से पैसे लेकर रइस बन गया और उस कर्मचारी द्वारा तबादले के संदर्भ में पूछे जाने पर टालमटोल के जवाब देने की जानकारी है।

इस मामले में विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त कर्मचारी का इस लेनदेन के पूर्व ही प्रबंधन ने तबादला आदेश जारी किया।

अधिकारी और कुछ संगठन के नेताओं की सांठगांठ के यह मामले उजागर होने के बाद कामगारो में रोष होकर दबी आवाज में चर्चा है कि ऐसे नेताओ को तत्काल पद से नही हटाया गया तो मेंबरशिप में इसका असर संगठन पर पड़ेगा।




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