WCL कर्मचारी त्रस्त नेता मस्त व प्रबंधन सुस्त भाग - 1







WCL कर्मचारी त्रस्त नेता मस्त व प्रबंधन सुस्त भाग  -  1

◾नेताओ की नही सुन रहा प्रबंधन !

◾कामगर वर्ग में नाराजगी.

चंद्रपुर ( राज्य रिपोर्टर ) : देश की अर्थ व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान  साथ ही देश में कोयले की आपूर्ति करने में अहम भूमिका निभाने वाले कोयला उद्योगो में सबसे बड़ी कंपनी के रूप में कोल इंडिया को पहचाना जाता है।  इस कोल इंडिया के अनेक राज्यो में अनुषंगी कंपनी कार्यरत हैं जिसमे महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में वेकोली कार्यरत हैं। जिसका चंद्रपुर , यवतमाल , नागपुर , छिंदवाड़ा , बैतूल जिलो में अनेक खदाने हैं। इन खदानों में अनेक मान्यता प्राप्त कामगार संगठन भी कार्यरत हैं। इन जिलो के कुछ क्षेत्रों में से कुछ क्षेत्र मुनाफे में है तो कुछ क्षेत्र घाटे में भी है। जानकारों का कहना है कि जो क्षेत्र घाटे में है जो क्षेत्र घाटे में है उनमें केवल कामगारो का ही दोष नहीं है , उसमे प्रबंधन की लापरवाही या नियोजन का अभाव साथ ही सबसे बड़ा रोल कामगार नेताओ का भी है। 

इन दिनों कामगार संघटनों में कार्यकर्ता कम ओर नेता ज्यादा हो रहे जिससे संगठन के सदस्य ( कामगार )  पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। एक वरिष्ठ सेवानिवृत्त कामगार नेता ने बताया कि , कामगार संगठन के कुछ  नेता चाहे वो इकाई स्तर के हो या क्षेत्रीय स्तर के हो या वेकोली स्तर के  इन दिनों कामगारो के प्रश्न को छोड़ बिना 8 घंटे ड्यूटी किये खुद की हाजरी कैसे लगती इस ओर उनका पूरा ध्यान है। जिससे वे प्रबंधन से साठगांठ कर खुद की हाजरी लगवाने के लिए प्रबंधन के हाँ में हाँ मिलाकर प्रबंधन के निर्णय पर सहमति दर्शाते हैं।  

यह कामगार नेता न तो कामगारों से उनकी राय लेते हैं न ही उनसे कभी चर्चा करते हैं , जब कामगार सवाल करने लगे तब यही कुछ नेता कामगारों को दिखाने के लिए आंदोलन छेड़ देते हैं जो बिना किसी ठोस निर्णय के तांत्रिक कारण बता कर या प्रबंधन से खानापूर्ती आश्वासन लेकर आंदोलन को समाप्त करते हैं।

ऐसे कुछ कामगार संगठनो के नेताओ को हम अपने खबरों के माध्यम से आने वाले समय पर उजागर करने जा रहे हैं जिससे कामगारो की आंखे खुलेगी ओर नेताओ को भी कामगारो के साथ खंदे से खंदा मिलाकर  काम करने को मजबूर होना पड़ेगा।

जिससे प्रबंधन पर नेताओ का प्रभाव बना रहेगा और कामगारो की समस्या एवं उनकी जायज मांगो को प्रबंधन के सामने रख कर सकारात्मक निर्णय लेने में मजबूर करेंगे ।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही में वेकोली के एक क्षेत्र में क्षेत्रीय महाप्रबंधक ने वेकोली के प्रति सकारात्मक भूमिका लेकर कार्य न करने वाले नेताओ के बुधवार बंद कर दिए। उनके इस निर्णय का कामगारो द्वारा सराहना की जारही है। ओर ऐसा ही निर्णय सभी क्षेत्रों के क्षेत्रीय महाप्रबंधको ने ले ऐसी चर्चा भी दबी आवाज में हो रही, तो वही दूसरी ओर जो नेता बिना ड्यूटी किये आर्थिक सुख ले रहे हैं, उनमें बेचैनी होने की भी बात कही जा रही है।




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