कोरपना तालुका के अंतर्गत आनेवाले जेवारा गांव का पुल किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है नागरिकों में खुशी का माहौल।

 

कोरपना तालुका के अंतर्गत आनेवाले  जेवारा गांव का पुल किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है नागरिकों में खुशी का माहौल।

राजुरा  ( राज्य रिपोर्टर ) : कोरपना तालुका के अंतर्गत आनेवाले जेवरा गांव के नाले पर बना पुल किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। पूर्व वित्त व पालक मंत्री मा. सुधीर मुनगंटीवार तथा राजूरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक मा. एड.संजय धोटे के पहल तथा भाजयुमो जिल्हा उपाध्यक्ष आशिष ताजने के अथक प्रयासों से प्रधानमंत्री खनिज विकास कोष के तहत 1करोड़ 60 लाख रुपए निधि मंजूर कर पुल का निर्माण पूरा हो गया है।

                         कोरपना तालुका के जेवरा गांव के नाले पर पुल की बहुत आवश्यकता थी यह मांग पिछले 60-70 वर्षों से लंबित थी। इस नाले पर पुल नहीं होने से किसानों को बेवजह परेशानी उठानी पड़ीती थी। बरसात के मौसम में जब भी बारिश होती थी तब किसानों का आना-जाना मुश्किल हो जाता था। किसानों को अपने गांव पहुंचने के लिए कोरपना से करीब 12 किलोमीटर का सफर भी तय करना पड़ रहा था साथ ही नाले पर आई बाढ़ के चलते कई जानवर भी बह गए जिससे अक्सर किसानों को आर्थिक नुकसान होता रहा। साथ ही नाले में पानी भर जाने से किसान खेतों में भी नहीं जा पाते। उल्लेखनीय है कि गांव के 60-70% किसान नाले के दूसरी तरफ खेती कर रहे हैं इसलिए किसानों को खेतों में जाने के लिए नाला पार करना पड़ता था, जो गांव में एक बड़ी समस्या थी।

                         किसानों के लिए नाले पर पुल का मामला भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष आशीष ताजने ने संज्ञान में लिया फिर उन्होंने पुल की स्वीकृति के लिए कई वर्षों तक प्रयास किया। तत्कालीन राज्य वित्त और जिला पालकमंत्री मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और राजुरा विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक संजय धोटे 21 जनवरी 2018 को कोरपना के दौरे पर थे। उस वक्त भाजयुमो जिल्हा उपाध्यक्ष आशिष ताजने ने सभी किसानों के साथ इस समस्या को लेकर उनके सामने प्रकट हुए। इसके पश्चात उन्होंने खनिज विकास कोष के तहत 1 करोड़ 60 लाख रुपये स्वीकृत करने के निर्देश कलेक्टर को दिए इसके बाद उन्होंने पुल के काम को मंजूरी दी।

                         इस पुल का निर्माण कार्य साल 2020 में पूरा हुआ इससे बारिश के मौसम में भी किसानों का पुल से आना-जाना आसान और सुविधाजनक हो गया है और किसानों की परेशानी भी टल गई है, जिससे नागरिकों में खुशी का माहौल है और यह पुल गांव के नागरिकों के लिए वरदान साबित हो रहा है।








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