राजुरा सास्ती मुख्य मार्ग पर हुए गहरे गड्डे के चलते यातायात प्रभावित दुर्घटना को आमंत्रित।


राजुरा सास्ती मुख्य मार्ग पर हुए गहरे गड्डे  के चलते यातायात प्रभावित दुर्घटना को आमंत्रित।

◾जानलेवा साबित हो रहा राजूरा सास्ती मुख्य मार्ग।

राजूरा ( राज्य रिपोर्टर ) : राजूरा धोपटाला से सास्ती की ओर जाने वाली मुख्य मार्ग के धोपटाला गांव के बस स्टैंड एवं सास्ती कॉलोनी प्रवेश द्वार के समीप सड़क पर बड़े-बड़े गहरे  गड्डे होने से इस मार्ग पर चलने वाले वाहन धारकों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।

                       वेकोली के क्षेत्रीय मुख्यालय खुली खदानों भूमिगत खदानों में काम करने वाले कर्मचारी व्यवसाई धारक इसी मार्ग से अक्सर दिन रात यातायात करते हैं। यह मार्ग हमेशा व्यस्त रहता है। लेकिन इस सड़क की दुर्दशा एवं अधिक गहरे  गड्डे होने से लगभग यहां कई प्रवासी गिर चुके हैं और उन्हे गहरी चोटें भी आयीं हैं फिर भी यहां की प्रशासन की आंख तक नहीं खुली।

                       यहां देखने को मिलता है कि इस रास्ते की डामरीकरण का निर्माण कार्य होकर लगभग 2 साल होने को आ रहा है और इस साल के बारिश ने इस रास्ते का असली रूप दिखा दिया। कहा जाता है कि तीन माह से मार्ग पर पढ़े गहरे गाड्डो की मरम्मत नहीं किए जाने से बारिश के पानी के चलते मिलावटी घटिया किस्मकी डांबर उखड़ जाने से यह गड्डे अधिक गहरे हो गए हैं इसके चलते वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

                       रात के समय अंधेरे में इन गड्ढों की गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता। इस पर अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह बड़े होते जाएंगें, सड़क पर बने  गड्डे ही हादसों को जन्म देते हैं। अब इस सड़क पर दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है, यह मार्ग अब आवागमन के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसके पहले की कोई बड़ा हादसा हो तत्काल इस मार्ग की मरम्मत करने की मांग परिसर गांव के अनेक व्यवसायिक तथा कोयला खदानों में काम कर रहे कामगार कर्मचारियों ने की है।

                      बताया जाता है कि राजूरा सास्ती बल्लारशाह और सास्ती चेक पोस्ट से गौरी पवनी के लिए यह मार्ग सड़क निर्माण किया गया था। यह सड़क बन कर लग भग दो साल के भीतर ही जुलाई माह के मूसलाधार बारिश के कारण सड़क की दयनीय अवस्था हो गई है। यह मार्ग आम लोगों को आवागमन करने के लिए दुर्घटना को आमंत्रित बन गया है। इस मार्ग पर दोपहिया चार पहिया वाहन बड़ी मात्रा में चलते रहते हैं और कुछ वाहन दुर्घटना का शिकार भी हो चुके हैं इसके बावजूद भी अब तक संबंधित मार्ग के निर्माताओं की नींद नहीं खुली।








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