सास्ती ग्रामपंचायत के पटवारी को हटाने की मांग विधान परिषद उपसभापति ( महाराष्ट्र ) मा. श्री. नीलम ताई गोर्हे को ज्ञापन पत्र के माध्यम शिकायत

 

सास्ती ग्रामपंचायत के पटवारी को हटाने की मांग 

विधान परिषद उपसभापति ( महाराष्ट्र ) मा. श्री. नीलम ताई गोर्हे को ज्ञापन पत्र के माध्यम  शिकायत 

♦️सास्ती सरपंच रमेश पेटकर ने की पटवारी को हटाने की मांग।

राजूरा ( राज्य रिपोर्टर ) : राजूरा तहसील के अंतर्गत आनेवाले सास्ती ग्रामपंचायत साजा क्रमांक 4  पटवारी श्री. मारुति बक्कैया अत्रे को हटाने तथा नए पटवारी को नियुक्त करने की मांग सास्ती ग्राम पंचायत सरपंच रमेश पेटकर ने की है।

                        प्राप्त जानकारी के अनुसार सास्ती, कोलगांव, मानोली, बाबापुर, कड़ोली के 5 गांवों के किसानो विद्यार्थीयों द्वारा किसी भी प्रकार के कार्य को लेकर कार्यालय में जाते हैं तो वहां पटवारी की अनुपस्थिति दर्शाती है। वेकोलि के कोयला खदानों में बहुत से किसानों की जमीन भी वेकोली ने अधिगृहित की है और इस जमीन के बदले में कंपनी में नौकरी पाने के लिए कंपनी को जमीन की 7/12 जमीन पट्टा की भी जरूरत पड़ती है। विद्यार्थियों को भी शैक्षणिक कामों के लिए पटवारी के हस्ताक्षर की आवश्यकता पड़ती है। जिसके लिए यहां रोज प्रतिरोज कार्यालय के चक्कर काटते हैं और निराश होकर लौट जाते हैं। निराश किसान और विद्यार्थी सास्ती राजूरा के कार्यालयों के चक्कर काटते काटते अपना दिन गिन रहे हैं। जहां कहीं से भी इस पटवारी का दूरध्वनी मोबाइल नंबर पाकर फोन करने पर कवरेज क्षेत्र से बाहर होता है या ध्वनि संचार कनेक्ट होने पर वह पटवारी बात को टाल देता है कल परसों कर दूंगा कह कर टालमटोल किया जाता है। फोन में मर्यादा पूर्वक बातें भी नहीं कर पाता है। ऐसी हरकतों से तंग आकर किसानों द्वारा प्रशासन से इसकी शिकायत कर तबादले की मांग की अन्यथा आंदोलन करने की चेतावनी दी गई।

                       सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पटवारी को यहां स्थान ग्रहण करें लग भग साडे 5 साल होने को आ रहा है। इस कार्यालय में एक भी दिन बैठने का कस्ट नही किया। कार्यालय पूरी तरह से धूल में विलिन हो गया है और किसानों के सातबारा के पुराने रिकॉर्ड धूल चाट रही है। इसकी शिकायत ज्ञापन पत्र के माध्यम से दो से तीन बार सबसे पहले  उपविभागीय अधिकारी राजूरा, तहसीलदार राजूरा को दी गई। परंतु अब तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाई ना होने से इस शिकायत पत्र के चलते समस्या का समाधान नहीं मिल पाने से और इस पटवारी का तबादली  नहीं होने से, "इन अधिकारियों के साथ कहीं कोई सांठगांठ तो नही "? ऐसा प्रश्न किसानों द्वारा यह व्यक्त किया जा रहा है। इसलिए यहां के पांचों गांवों के व्यथित किसानों, नागरिकों और यहां के सरपंच रमेश पेटकर ने लोकतंत्र के माध्यम से पुनः इसकी शिकायत विधान परिषद उपसभापति ( महाराष्ट्र ) मा. श्री. नीलम ताई गोर्हे को ज्ञापन पत्र के माध्यम से सौंपा और कहा गया की ऐसे लापरवाह पटवारी को शीघ्र ही शीघ्र यहां से तुरंत हटाया जाए और नए पटवारी को तुरंत नियुक्ति किया जाए ताकि साडे 5 साल से जूझ रहे विद्यार्थियों किसानों एवं नागरिकों के समस्याओं का निवारण हो सके। अब जनता की नजर इस बात पर है कि इसमें प्रशासन की क्या भूमिका होगी?

                      इस समय सरपंच रमेश पेटकर, उपसरपंच कुणाल नि. कुडे, ग्रा पं सदस्य नरसिंग मादर, मंगेश लांडे, सौ संगीता चन्ने, सौ माया भटारकर, , सौ बेबीनंदा चिंतल्ला, तं. मु. अध्यक्ष प्रकाश भटारकर, दिनकर वैद्य, गणेश चन्ने, दिलीप बुटले, विठ्ठल नरड उपस्थित रहे।


                                 

                                           

                                   

                                             

                                      

                                        



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