वन अधिकार पट्टे के आधार पर फसल ऋण दिया जाए-भारतीय मानवाधिकार संघ की कलेक्टर से मांग।

 

वन अधिकार पट्टे के आधार पर फसल ऋण दिया जाए-भारतीय मानवाधिकार संघ की कलेक्टर से मांग।

कोलाम आदिवासी बंधु सतबारा से वंचित।

राजूरा ( राज्य रिपोर्टर ) : जीवती तहसील के कोलाम आदिवासी बंधुओं को सरकार द्वारा मिले वन खेत जमीन के पट्टे के आधार पर सातबारा पर नाम दर्ज ना होने से आदिवासी किसानों को फसल कर्ज से वंचित रहना पड़ रहा है। तुरंत पट्टे के आधार पर आदिवासी किसानों को फसल ऋण का लाभ दिया जाए ऐसी मांग भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन के राज्य उपाध्यक्ष बंडू मडावी, राज्य संगठक हेमंत उनदीरवाडे एवं जिलाध्यक्ष मनोज आत्राम ने जिलाधिकारी को ज्ञापन पत्र सौंपते हुए निवेदन की।

                         जीवती तहसील के काकबन, भूरियेसापुर, टाटाकोहाड, सिंगारपठार, टाटाकवडा के कोलाम गोंड इन आदिवासी बंधुओं के अधिकार में होने वाली वन जमीन निर्वाह के लिए संपत्तिक अधिकार के रूप में सरकार द्वारा चार माह पूर्व वन अधिकार कानून के अंतर्गत वन खेत जमीन के 40 पट्टे वितरित किए गए। परंतु अब तक उनके नाम सातबारा पर दर्ज ना करने से कोलाम गोंड आदिवासी बंधुओं को सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। जीवती तालुका सुदूर और पिछड़ा हुआ है यहां बड़ी संख्या में कोलाम गोंड आदिवासी बंधु रहते हैं और उनका कृषि ही मुख्य व्यवसाय है। चूंकि उनका आजीविका कृषि पर आधारित है, इसलिए फसल ऋण वर्तमान में पट्टे के आधार पर दिया जाएं और सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उनके नाम सातबारा में दर्ज करने का आदेश अधिकारियों को देकर कोलाम के लोगों को राहत दें ऐसी मांग भारतीय मानव अधिकार एसोसिएशन के राज्य उपाध्यक्ष बंडू मडावी, राज्य संगठक हेमंत ऊंदीरवाडे, एवं जिलाध्यक्ष मनोज आत्राम ने निवासी उपजिलाधिकारी मनोहर गवहाड़ को ज्ञापन पत्र सौंपकर निवेदन की।



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