एमएसईडीसीएल के सहायक अभियंता को जान से मारने की धमकी।

 

एमएसईडीसीएल के सहायक अभियंता को जान से मारने की धमकी।

उपविभागीय अधिकारी से असहयोग की भावना।

राजूरा (राज्य रिपोर्टर) :  राजुरा शहर में  ग्राहक लेखराजनी के घर के पास बिजली का खंभा झुकने की वजह से ग्राहको की बिजली खंडित हो गई। राजूरा शहर विभाग सहायक अभियंता ठमके साहब को इसकी जानकारी मिलते ही कर्मचारियों सहित घटनास्थल पर तुरंत पहुंचकर खंबे के दुरुस्ती का काम शुरू कर दिया। परंतु लेखराजनी ग्राहक ने मेरे घर के सामने पोल लगाने का नहीं ऐसा कहते हुए हातापाई के उद्देश्य से गाली गलौज कर सहायक अभियंता को जान से मारने की धमकी दी और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न की। इस स्थिति को देख  आखिरकार पुलिस महकमे को बुलाया गया, उनकी देखरेख में मरम्मत का काम शुरू हुआ, इसके पश्चात पुलिस के जवान इस इरादे से वहा से चले गए कि अब काम सुचारू रूप से होगा। परंतु पुलिस के जाते ही ग्राहक लेखराजनी ने कर्मचारियों से फिर बहस शुरू कर दी। इससे राजुरा के एमएसईडीसीएल के कर्मचारियों में भय का माहौल है। इसके पहले भी राजुरा शहर MSEDCL के कर्मचारियों को इस तरह के हमलों और जान से मारने की धमकियां पहले भी दिया जा चुका है पूर्व में ऐसा देखने को मिला था।

सहायक अभियंता इस घटना की सूचना देने के इरादे से फोन किए जाने पर उपविभागीय अधिकारी द्वारा फोन का ना उठाना असहयोग की भावना.

                          जब भीड़ जमा हो रही थी यहां जान से मारने की धमकियां दे रहे थे तो राजुरा के उप कार्यकारी अभियंता मौके पर नहीं आए। किसी का फोन तक नहीं उठाया। जब परिस्थिति ज्यादा बिगड़ी तो सहायक अभियंता ने  उपविभागीय अभियंता को फोन किया और उनका फोन स्विच ऑफ था। इससे यह भावना पैदा हुई है कि यदि कर्मचारियों की ओर से कोई आपात स्थिति होती है, तो वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ नहीं आते हैं।

                         कहा जाता है राजुरा  MSEDCL के सहायक इंजीनियरों और कर्मचारियों को उपविभागिय अधिकारी लोहे साहब की मदद कभी भी नहीं मिलती और ऐसे विवादों में अपने आप को दरकिनार कर देता है। इस मामले को वरिष्ठों के संज्ञान में लाने के बाद भी कहा जा रहा है कि वरिष्ठ अधिकारी भी लोहे से कतराते है। क्योंकि उनका राजनीतिक दबाव भी अच्छा बताया जाता है। शायद इसलिए लोहे पिछले 6-7 साल से राजुरा में उपविभागीय पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। ग्राहकों और कर्मचारियों के साथ जिद्दी स्वभाव और अशिष्ट व्यवहार से बर्ताव करते है ऐसा कहा जाता है। परिणामस्वरूप, उनके अधीनस्थों और कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अनावश्यक रूप से पीड़ित होना पड़ता है। ऐसे गैरजिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ कंपनी के नियमानुसार कार्रवाई की जाए। राजुरा एमएसईडीसीएल के कार्यालय में एक कर्तव्यपरायण व्यक्ति को उपविभागीय अधिकारी नियुक्त किया जाए यह राजुरा के नागरिक एवं कर्मचारी ऐसी मांग कर रहे हैं।




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